Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -31-Aug-2022 नारी ही सृष्टि कारिणी

रचीयता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-नारी ही सृष्टिकारनी
विषय-बलिदान

ब्रह्मा ने बनाई सृष्टि,
नारी को बनाई आदिशक्ति,
नारी मदमाता स्वरूप,
नारी ही सर्व शक्ति स्वरूप।

नारी ही नारायणी,
नारी ही ब्रह्माणी,
नाही ही लक्ष्मी,
नारी में ही सारी सृष्टि समाई।

नारी के विभिन्न अवतार,
जब जब आया शक्ति पर काल,
नारी रूप लेती विकराल,
कभी चंडी तो कभी दुर्गा,
बनकर करती दुष्टों का संहार।

नारी की महिमा,
है बड़ी अपरंपार,
नारी कोमल, नारी सुंदर,
लगती ममता की मूरत,
नारी के है विभिन्न रूप।

नारियों ने भी दिया बलिदान,
नाम था उनका  पद्मावत,
आंगन अग्निकुंड में दी अपनी जान
दुश्मनों से बचाई अपनी लाज,
जोहर करके बनाया इतिहास।

18 57 में हुआ स्वतंत्रता संग्राम,
अंग्रेजो के खिलाफ कर दी बगावत,
दत्तक पुत्र को पीठ पर बांधकर,
किया उन्होंने युद्ध का ऐलान,
लक्ष्मीबाई का रहा योगदान,
लक्ष्मीबाई ने  दिया बलिदान,
देश में लिख गया इतिहास।




जब-जब पड़ती नारी की जरूरत,
तब तब बदलती अपना रूप,
काली माता का नहीं रुका क्रोध,
चरणों में जा लेटे शिव जी भगवान,
किया काली माता का क्रोध शांत।

जब हुआ था मंथन
देवताओं और असुरों में हुआ कलह,
विष्णु भगवान ने किया मोहिनी रूप धारण
नारी का भेष धारण कर , देवताओं को कराया अमृत पान।

भगवानों में है नारी का नाम ऊंचा,
सबसे पहले स्थान है उनका,
गौरी शंकर, लक्ष्मी नारायण, राधे कृष्णा
सबसे पहले देवी की पूजा,
फिर हुई देवताओं की पूजा।

घर की लक्ष्मी है नारी,
सुरो की है महिमाणी,
अन्नपूर्णा ये कहलाती,
संकटों से हमें बचाती,
नारी ही कहलाती नारायणी।

जब-जब हुआ नारी का अपमान,
तब तक दिया नारी ने श्राप,
हो गया उनका जीवन बर्बाद,
रावण जैसे ने भी गवाई अपनी जान,
नारी का करो हमेशा सम्मान।

 नारी बिन जग अधूरा,
नारी बिन प्रकृति अधूरी,
नारी बिन ये अस्तित्व अधूरा,
नारी  ही है सृष्टि कार।।

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11 Comments

shweta soni

01-Sep-2022 09:50 PM

Behtarin rachana

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Gunjan Kamal

01-Sep-2022 10:42 AM

बेहतरीन

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